Mohabbat ho na jaye story part 2 | mohabbat ho na jaye story in hindi | मोहब्बत हो ना जाये

 और याशिका सुनी हुई आवाज के सहारे अपने दिमाग में एक आदमी का चेहरा बनाने के कोशिश करती है। लेकिन वह चेहरा बार-बार बन कर भी बिखर जा रहा था। यशिका को खोया खोया सा देख। रवीना उसके कंधे पर हाथ रखते हैं और कहती है। Lest go याशिका..

Mohabbat ho na jaye story part 2 | mohabbat ho na jaye story in hindi | मोहब्बत हो ना जाये

वह दोनों जाकर एक सफेद ऑडी में बैठते हैं। और वह एक बार फिर सोच में पड़ जाती है। बस एक बार पापा का बिजनेस फिर से खड़ा हो जाए। उसके बाद मैं उन्हें सब सच-सच बता दूंगी। याशिका यह सब सोच ही रहे होते हैं। तभी ट्राफिक के बीच रवीना की आवाज उसके कान में पढ़ती है। और वह कह रहे होते हैं। एक बार contract sign हो जाने के बाद तुम अपने किसी फैमिली मेंबर या फ्रेंड से नहीं मिल पाओगी। याशिका तो सबसे पहले किसी से मिलना है। फ्रेंड या बॉयफ्रेंड कोई भी, खुद में खोए यशिका सोचती हिचकिचाती याशिका अपना सर ना में हिला देती है


हॉस्पिटल से निकलकर थोड़ी देर चलने के बाद उनकी कार एक बीच साइड बीला के पास पहुंचती है। बिला के सामने दूर-दूर तक बिखरा हुआ एक समुंदर था। जिस में बारिश होने की वजह से समुंदर में हलचल और बढ़ गई थी। रवीना कार से उतर कर सीधा बिला में चली जाती है। याशिका पास में खड़ी समुंदर को देखती रहती है। और फिर हुआ भी विला के अंदर चली जाती है। अंदर घुसते ही वह समझ जाती है। के उस वक्त विला के अंदर याशिका और रवीना ही है।


रवीना लिविंग रूम में बैठी कॉन्ट्रेक्ट पेपर पढ़ रही थीं। याशिका को आता देख कॉन्ट्रेक्ट पेपर को सरकाते हुए कहती हैं। इसे ध्यान से पढ़ लो और अगर कोई भी प्रॉब्लम हो तो मुझसे पूछ लेना मैं आती हूँ। यह कह कर रवीना वहा से चली जाती हैं। लिविंग रूम में टंगे झूमर को देखकर याशिका की आँखे फटी की फटी रह गई। उसके मन मे ख्याल आया,कि इस झूमर की कीमत उसके घर से तो ज्यादा ही होगी। सच जिसके पास पैसा होता हैं, उसके लिए किसी भी चीज की ज्यादा कीमत नही होती हैं। फिर चाहे वो झूमर हो या फिर इंसान,उसका ध्यान टूटता हैं, और वो टेबल पर पड़े कॉन्ट्रेक्ट पेपर को बिना पढ़े ही साइन कर देती हैं।

वह आलीशान खाली घर जैसे उसे खाने को दौड़ता है। और वो उठकर रवीना को ढूढ़ने लगती हैं। तभी उसे एक कमरे का दरवाजा खुला दिखता हैं। और वो रवीना को आवाज लगती हैं, रवीना-रवीना तुम अन्दर हो यह कहते हुए सामने अधे खुले हुए दरवाजे को खोल कर आगे बढ़ जाती हैं। और सामने का नजारा देखकर याशिका के होश उड़ जाते हैं। फिर एक अजीब सी सैहरन उसके बदन को कपा देती हैं। उसके सामने दीवार पर उसकी बहोत सारी छोटी बड़ी तस्वीरे लगी थी। यह देख याशिका खुद से कहती हैं। O May God मेरे कॉलेज के Photos मेरे फैमिली Photos यह सब क्या है। यह तो 25 वे जन्मदिन की तसवीरें हैं। जो अनाथ आश्रम में ली गयी थी।


ये कहा से आयी इस कमरे में,ये तस्बीर तो मेरे पास भी नही हैं। क्या मतलब की मेरे पर्सनल फोटो ग्राफ को कमरे में इस तर सजाने का और वो इस पहेली को सुलझाने के लिए एक बार फिर रवीना को आवाज लगती हैं। रविना तुम कहा हो घबराई हुई याशिका हर तसवीर को देख रही होती हैं। की तभी उसके हाथ से लग कर टेबल पर रखी एक फाइल गिर जाती हैं। हड़बड़ाहट में वो पेपर्स को उठाने के लिए झुकती हैं। कि निचे गिरे पेपर और उसे बीच अनाथ आश्रम की ढेर सारी फोटो को देख कर उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। वो जैसे जैसे तस्वीरों को दखते जा रही थी। वैसे उसकी भौहे तनती जा रही थी। ऐसा लग रहा था, की उसका जोर से धड़कता दिल बहार आ जायेगा।


याशिका का गला भर आता हैं, और खुद से बातें करने लगती हैं। ये येतो स्कूल टाइम की फ़ोटो हैं मेरी हे भगवान कब से चल रहा हैं। आखिर ये सब वो जल्दी जल्दी एक के बाद एक सारे कागज देखने लगती हैं। उसमें एक अपने अडॉप्स पेपर की एक कॉपी दिखती हैं। और वो मन ही मन सोच ने लगती हैं। आखरी हैं कौन ये आदमी, मुझसे क्या चाहता हैं, और मै ही क्यों। और बहोत सारे पेपर के बीच एक पेपर पर उसके पापा के कंपनी का नाम लिखा हुआ दिखता हैं। और बाकी सबको छोड़ कर उसे उठने के लिए हाथ आगे बढती हैं। और तभी कोई उसका हाथ पकड़ लेता हैं, याशिका घबरा जाती हैं। जैसे कोई उसकी चोरी पकड़ी गई हो सामने रविना खड़ी होती हैं। और उसका चेहरा गुस्से से लाल होता हैं, तुम किस्से पूछ कर अंदर आयी याशिका और ये फाइल याशिका का दिमाग हो जाता हैं। और वो कुछ बिना सोचे समझे कहती हैं। यह क्या हैं, रविना आखिर कौन हो तुम तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे पर्सनल लाइफ में घुसने की और मेरे साथ साथ मेरे पापा की कंपनी से रिलेटेड पेपर यहाँ क्या कर रहे हैं।


 याशिका की आवाज ऊँची देख रवीना चीखते हुए कहती हैं। मुझ पर चिल्लाने की जरूरत नही हैं। याशिका में मानव सर की इम्पोलाई हूँ। और मुझे जो करने को कहा गया था मैंने वही किया हैं। तुम्हें जो पूछने वो उनसे पूछ लेना याशिका का गुस्सा सातवें आसमान पर होता हैं। और उससे रहा नही जाता आखिर है ये कौन मानव बजाज जिसके पास मेरे ऊफनीयन तक कि इन्फॉर्मेशन हैं। रविना जवाब में कहती हैं, मैं एक बार फिर कह रही हूँ याशिका मुझे कुछ भी नही पता और मझसे कुछ भी उम्मीद मत रखो। रबीना के इस बदले हुए इस रवय्ये को देखकर उसका सक और बढ़ जाता हैं। वो माथे पर पसीना पोछ कर वो इधर उधर देखती हैं। कुछ तो हैं, मेरे यहाँ होने का कारण वो बच्चा हैं। या उससे भी बड़ा प्लान हैं, यह कुछ तो गड़बड़ हैं। और ये जानते हुए मैं यह काम बिल्कुल भी नही कर सकती। यह कह कर याशिका कमरे से बाहर चली जाती हैं। और रविना चिल्लाती हैं, भूलो मत याशिका तुमने एक कॉन्ट्रेक्ट साइन किया है। याशिका उसकी बातों का ध्यान नही देती हैं। और भारी बारिश में वो बाहर निकल जाती हैं।


तभी हाथ मे पकड़ा उसका फोन बजता हैं, और वो पोज पर वापस आती हैं, और वो अपना फोन उठाती हैं। फोन के दूसरी तरफ से किसी औरत की तीखी आवाज आती हैं। कैसी अनशन प्रमोशन बेटी हैं। तू याशिका अपने बाप के लिए कुछ रूपयों का इंतजाम भी नही हो रहा तुझसे इसी दिन के लिए उस अनाथ आश्रम से उठा कर लाये थे। वो तुझे यह कह कर वो आवाज चुप हो जाते हैं। और फोन कट जाता हैं, याशिका एक बार फिर अपना सर पकड़ लेती हैं। वो उस वक्त फुट फुट कर रोने की चाह होती हैं। लेकिन उसे मजबूरियों के कारण वो एक बार फिर बिला में चली जाती हैं। जो भी हो मुझे यह करना ही होगा। मेरे पास और कोई रास्ता ही नही हैं। वह फाइल एसे रिसर्च की हैं, जैसे मैं कोई क्रिमिनल हूँ। आखिर क्यों प्लान क्या हैं, इनका अपने दिमाग मे चल रहे इन सवालों के बीच वो किसी तरह पास के पड़े सोफे पर बैठती हैं। रविना उसे देखकर चैन की सास लेती हैं। और सोचती हैं, अगर आज ये यह से चली जाती तो मेरी नौकरी गयी ही थी बस, और आकर उसके पास खड़ी होकर कहती हैं।


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